ईरान-इजरायल जंग पर दुनिया हुई दो फाड़? भारत के तीन पड़ोसी खामेनेई के साथ, हिन्दुस्तान का रुख क्या
Iran-Israel War: रूसी राष्ट्रपति कार्यालय एवं आधिकारिक आवास ‘क्रेमलिन’ ने कहा है कि राष्ट्रपति पुतिन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग ईरान-इजराइल युद्ध पर संवेदनशील जानकारी एक दूसरे को मुहैया कराने के लिए सहमत हो गए हैं।

Iran-Israel War: एक तरफ ईरान-इजरायल जंग विकराल रूप लेता जा रहा है, तो दूसरी तरफ इस मुद्दे पर अब दुनिया दो फाड़ होती नजर आ रही है। अमेरिका पहले से ही इजरायल का समर्थन कर रहा है और वह खुद ईरान पर हमले की तैयारी कर रहा है। वहीं रूस ने ईरान का समर्थन करते हुए अमेरिका को खुली धमकी दी है कि अगर वह जंग में कूदता है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। अब एक और शक्तिशाली देश चीन ने ईरान का समर्थन किया है और इजरायल से तुरंत युद्धविराम करने को कहा है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि जंग विवाद सुलझाने का सही तरीका नहीं है।
चीनी राष्ट्रपति ने दो टूक लहजे में कहा है कि अंतरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने का सही तरीका युद्ध कभी नहीं हो सकता है। इससे पहले चीन ने पांच दिनों की जंग पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि बीजिंग इस गहराते युद्ध से चिंतित है। उधर, रूस ने अमेरिका को खुली धमकी दी है कि अगर उसने इजरायल को ईरान के खिलाफ युद्ध में सैन्य सहायता दी तो यह अत्यंत खतरनाक होगा।
फोन पर एक घंटे तक पुतिन-जिनपिंग में बातचीत
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का यह बयान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान आया है। बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने मिडिल ईस्ट की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने संबंधित पक्षों खासकर इजरायल से अपील की कि वह जितना जल्दी हो सके युद्धविराम लागू करे, ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता की बहाली हो सके।
क्रेमलिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति पुतिन और शी जिनपिंग ने फोन पर घंटे भर हुई बातचीत के दौरान अपनी-अपनी एजेंसियों को ईरान के बारे में जानकारी साझा करने के आदेश जारी करने पर भी सहमति जताई है।’’ पिछले हफ्ते इजरायल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया था, जिसमें ईरान के परमाणु, मिसाइल और सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया। बाद में, ईरान ने भी इजराइल पर जवाबी हमले किए।
UAE भी कर चुका अपील
बुधवार को रूस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने इजरायल-ईरान युद्ध को तत्काल समाप्त करने और तेहरान के परमाणु मुद्दे का हल करने के लिए राजनीतिक और कूटनीतिक प्रयासों को तेज करने की अपील की थी। क्रेमलिन के अनुसार, राष्ट्रपति पुतिन ने यूएई के अपने समकक्ष मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की।
कौन सा देश किस तरफ? भारत कहां खड़ा
ईरान-इजरायल युद्ध के बीच कई देशों ने अपना-अपना समर्थन अपने वैचारिक मित्रों के प्रति जताया है। इजरालय के पक्ष में अमेरिका के अलावा सऊदी अरब, जर्मनी, कनाडा, UK, UAE और जॉर्डन खुलकर अपना समर्थन जता रहे हैं और ईरान के परमाणु कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं, जबकि रूस,चीन, इराक, लेबनान, पाकिस्तान, तुर्की और मिस्र ईरान का समर्थन कर रहे हैं। भारत ने किसी भी एक पक्ष का समर्थन नहीं किया है और वह दोनों पक्षों से शांति की अपील कर रहा है और बातचीत के जरिए विवादों के समाधान की सलाह दे रहा है।
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