इजरायल खत्म कर पाएगा ईरान के परमाणु ठिकाने? डोनाल्ड ट्रंप हटे पीछे तो क्या करेंगे बेंजामिन नेतन्याहू
ईरान के परमाणु कार्यक्रम से दिक्कत इजरायल और अमेरिका दोनों को है। लेकिन ट्रंप अभी बातचीत का रास्ता तलाश रहे हैं। वहीं, नेतन्याहू किसी कीमत पर उसे तबाह करने का मन बनाए हुए हैं।

क्या इजरायल ईरान की परमाणु ताकत को खत्म कर पाएगा? क्या बिना अमेरिका साथ मिले उसकी बात बन पाएगी? यह कुछ अहम सवाल हैं जो इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। ईरान की परमाणु ताकत खत्म करने के लिए जरूरी है कि इजरायल उसके फॉर्डो फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट को तबाह करे। यह ईरान का सबसे अहम परमाणु केंद्र है। हालांकि इजरायल के लिए ऐसा करना आसान नहीं होगा। वजह, ईरान के परमाणु ठिकाने को तबाह करने के लिए जो हथियार चाहिए वह इजरायल के पास है ही नहीं। इसे खत्म करने के लिए उसे अमेरिकी हथियारों की जरूरत होगी। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या अमेरिका उसे ऐसा करने देगा।
अभी तक नाकाम रहा है इजरायल
ऐसा नहीं है कि इजरायल ने फोर्डो को तबाह करने की कोशिश नहीं की। ईरान के इस परमाणु ठिकाने पर इजरायली मिसाइलों की बरसात हुई है। लेकिन जमीन के अंदर होने के चलते और मजबूत सुरक्षा कवच के चलते यह परमाणु ठिकाना अभी तक सुरक्षित है। इस परमाणु ठिकाने को तबाह करने के लिए अमेरिका के जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (एमओपी) के कई वार की जरूरत होगी। यह अमेरिका का 30 हजार पाउंड बंकर बस्टर बम है। गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक इस बंकर बस्टर बम के इस्तेमाल के लिए अमेरिका का सर्वाधिकार सुरक्षित है।
क्या करेगा अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस बारे में जानकारी दी गई है कि फोर्डो को तबाह करने का फायदा और नुकसान क्या है। इसमें सामने आया है कि इस परमाणु ठिकाने को तबाह करने के बाद ईरान की तेजी परमाणु हथियार बनाने की क्षमता पर विराम लग जाएगा। हालांकि ट्रंप ने अभी इस बारे में अंतिम फैसला नहीं लिया है कि इजरायल को मुहिम का समर्थन किया जाए या नहीं? अभी ट्रंप यह देख रहे हैं कि क्या तेहरान के साथ कूटनीतिक बातचीत से उसके परमाणु कार्यक्रम को रोका जा सकता है?
क्या इजरायल अकेले करेगा हमला?
बता दें कि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट कर दिया है कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम को तबाह करने के लिए अमेरिका का इंतजार नहीं करेंगे। हीब्रू भाषा में दिए गए अपने एक दुर्लभ इंटरव्यू में नेतन्याहू ने कहाकि वह ईरान के सभी परमाणु ठिकानों को तबाह करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसमें फोर्डो भी शामिल है और इजरायल अपने दम पर ऐसा करने में सक्षम है। माना जा रहा है कि अगर अगले दो हफ्तों तक ट्रंप इजरायल की इस मंशा में उसके साथ नहीं आते हैं तो नेतन्याहू कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
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