What is a cluster bomb Iran wreaked havoc in Israel, how does it work क्या होता है क्लस्टर बम, कैसे करता है काम; ईरान ने इजरायल में मचाई तबाही, International Hindi News - Hindustan
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क्या होता है क्लस्टर बम, कैसे करता है काम; ईरान ने इजरायल में मचाई तबाही

इन बॉमलेट्स को इस तरह से बनाया जाता है कि वे एक बड़े इलाके में फैले सेना के वाहन, सैनिक या कोई अन्य टारगेट को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचा सके। इनका प्रभाव क्षेत्र कई फुटबॉल मैदानों जितना बड़ा हो सकता है।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानFri, 20 June 2025 09:08 AM
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क्या होता है क्लस्टर बम, कैसे करता है काम; ईरान ने इजरायल में मचाई तबाही

ईरान और इजरायल के बीच जारी युद्ध शुक्रवार को तीव्र और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर मिसाइलों और ड्रोन से तीखे हमले किए। इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी की, वहीं ईरान ने क्लस्टर म्यूनिशन से लैस मिसाइलें दागीं, जिनमें से एक ने इजरायल के एक अस्पताल को क्षति पहुंचाई है। दोनों देशों के बीच जारी युद्ध में पहली बार क्लस्टर हथियारों का उपयोग किया गया है, जो कि खतरनाक संकेत है। आने वाले समय में इसकी तीव्रता और बढ़ सकती है।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान द्वारा अस्पताल पर किए गए हमले की पूरी कीमत वहां की नेतृत्व को चुकानी होगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि इजरायल ईरान के खिलाफ अपने सैन्य अभियान में समय से आगे है।

क्या होता है क्लस्टर बम?

क्लस्टर बम एक विशेष प्रकार का युद्ध हथियार होता है, जिसमें एक बड़ा बम (warhead) होता है जो अपने टारगेट पर पहुंचते ही हवा में ही खुल जाता है और उसमें से दर्जनों या सैकड़ों छोटे-छोटे बम निकलते हैं। इन्हें बॉमलेट्स (bomblets) कहा जाता है। ये बाहर निकलकर एक बड़े इलाके में बिखर जाते हैं।

कैसे काम करता है क्लस्टर बम?

हवाई जहाज, ड्रोन या मिसाइल से इस बम को दागा जाता है। टारगेट के ऊपर पहुंचते ही बम हवा में खुलता है। उसके अंदर के दर्जनों या सैकड़ों बॉमलेट्स बाहर निकलते हैं। ये बॉमलेट्स जमीन पर गिरते हैं और विस्फोट करते हैं या फ्यूज के हिसाब से बाद में फटते हैं।

इन बॉमलेट्स को इस तरह से बनाया जाता है कि वे एक बड़े इलाके में फैले सेना के वाहन, सैनिक या कोई अन्य टारगेट को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचा सके। इनका प्रभाव क्षेत्र कई फुटबॉल मैदानों जितना बड़ा हो सकता है।

बॉमलेट्स अक्सर पूरी तरह नहीं फटते और जमीन में छिपे हुए मिनी बम बन जाते हैं, जो सालों बाद भी आम नागरिकों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। इसी कारण 100 से ज्यादा देशों ने क्लस्टर बमों पर प्रतिबंध लगाने वाली अंतरराष्ट्रीय संधि (Convention on Cluster Munitions) पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि अमेरिका, रूस, चीन, इजरायल, भारत और पाकिस्तान जैसे कई देशों ने ऐसा नहीं किया है।

ईरान ने जवाबी कार्रवाई में ड्रोन और मिसाइलों की बारिश की। इनमें से एक ने दक्षिणी इजरायल के एक मेडिकल फैसिलिटी को निशाना बनाया। इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 71 लोग घायल हुए हैं, जिनमें अधिकतर को हल्की चोटें या घबराहट के दौरे आए क्योंकि वे सुरक्षित स्थानों की ओर भागे।

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