premanand ji maharaj tell how to take food to stay healthy and pure प्रेमानंद जी महाराज: खाना खाते समय करें इन नियमों का पालन
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प्रेमानंद जी महाराज: खाना खाते समय करें इन नियमों का पालन

राधारानी के परम भक्त संत प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि भोजन केवल शरीर की भूख मिटाने का साधन नहीं, बल्कि यह एक आध्यात्मिक क्रिया है। भोजन को प्रसाद मानकर खाने से ना केवल शरीर स्वस्थ रहता है, बल्कि मन और आत्मा को भी शांति मिलती है। आइए जानते हैं खाना खाते समय किन नियमों का पालन करना चाहिए।

Navaneet RathaurTue, 24 June 2025 02:09 PM
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भोजन को पवित्र करें

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि भोजन शुरू करने से पहले भगवान का नाम लेना चाहिए और इसे प्रसाद मानकर ग्रहण करना चाहिए। इससे भोजन पवित्र होता है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। भोजन से पहले प्रार्थना करने से आत्मा शुद्ध होती है। प्रेमानंद जी कहते हैं भोजन से पहले हाथ धोएं, साफ स्थान पर बैठें और शांत मन से भगवान को धन्यवाद दें।

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भोजन की मात्रा

प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, भोजन हमेशा भूख से कम खाना चाहिए। भोजन और पानी के साथ ही पेट में कुछ हिस्सा वायु के लिए छोड़ें। इससे अपच, पेट फूलना और एसिडिटी जैसी समस्याएं नहीं होती हैं। अधिक खाने से शरीर भारी और मन अशांत हो जाता है। हल्का भोजन आध्यात्मिक शक्ति बढ़ाता है और शरीर को स्वस्थ रखता है।

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सात्विक और हल्का भोजन

महाराज जी कहते हैं कि भोजन सात्विक और हल्का होना चाहिए। प्याज, लहसुन, और तामसिक भोजन से बचें। खीर, पूड़ी, दाल और सात्विक सब्जियां खाएं। सात्विक भोजन मन को शांत और शरीर को हल्का रखता है।

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भोजन का समय

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि रात का भोजन शाम 6 बजे तक कर लें। देर रात भारी भोजन से नींद और पाचन पर बुरा असर पड़ता है। भोजन शांत वातावरण में, मौन रहकर करें। इस दौरान टीवी, मोबाइल या झगड़े से बचें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके खाना शुभ है। इससे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

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भोजन से आध्यात्मिक लाभ

प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, भोजन केवल शरीर के लिए नहीं, बल्कि आत्मा की तृप्ति के लिए है। भगवान का स्मरण, सात्विक खाना, संतुलित मात्रा और शांत वातावरण से भोजन एक साधना बन जाता है। इन नियमों का पालन करने से स्वास्थ्य बेहतर, मन शांत, और आध्यात्मिक उन्नति होती है।