पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद बीएसएफ की एक टुकड़ी को तैनात किाय गया था। कैंप में दो जवानों में बहस हो गई और एक ने सीनियर की गोली मारकर हत्या कर दी।
रेलवे ने एक बयान जारी कर कहा है कि रेल मंत्री वैष्णव ने मामले को काफी गंभीरता से लिया है और कहा कि देश के सुरक्षा बलों की गरिमा सर्वोपरि है और इस तरह की लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मामले में 4 को सस्पेंड किया गया है।
एक बीएसफ अधिकारी के हवाले से बताया जा रहा है कि जवान ने मानवीयता अपनाई और बांग्लादेशियों को बातचीत ले लिए पास आने दिया, लेकिन वे अपराधी निकले और जवान को अगवा कर लिया।
हाल ही में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ केंद्र सरकार की सख्त कार्रवाई और ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ ने सीमा पर सतर्कता को और बढ़ा दिया है।
BSF ने कहा कि उसने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तानी रेंजर्स की बिना उकसावे की गोलीबारी और बमबारी का मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान की 76 सीमा चौकियों और 42 अग्रिम रक्षा ठिकानों को निशाना बनाया।
ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से शुरू किया गया सैन्य अभियान था, जो 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में था। इस हमले में 26 नागरिक (25 भारतीय और एक नेपाली) मारे गए थे।
जवान राजू कुमार के के सीने में तेज दर्द होने लगा। परिवार के लोग आनन फानन में उसे अस्पताल में लेकर पहुंचे। जहां जहां प्राथमिक उपचार के दौरान राजू ने दम तोड़ दिया। राजू ऑपरेशन सिंदूर से लौटे थे।
रजनी ने यह भी बताया कि पूर्णम शॉ को तीन अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया। उनमें से एक जगह संभवतः किसी एयरबेस के पास की जगह थी, क्योंकि वहां हवाई जहाजों की आवाजें आती थीं।
सीमा सुरक्षा बल के जवान पूर्णम कुमार शॉ 23 अप्रैल से ही पाकिस्तानी रेंजर्स की हिरासत में थे। पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें बुधवार को सकुशल भारत को सौंप दिया है जिसके बाद BSF जवान का पूरा परिवार भावुक है।
अर्धसैनिक बल के पास दोनों मोर्चों की सुरक्षा के लिए फिलहाल 193 बटालियन हैं। इस सीमा सुरक्षा बल की एक बटालियन में 1,000 से अधिक जवान होते हैं। इसलिए, 16 नई बटालियन में कुल करीब 17,000 कर्मी होंगे।