ट्यूलिप सिद्दीक ने जनवरी 2025 में ब्रिटेन की ट्रेजरी में आर्थिक सचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा कि उनके पारिवारिक संबंध (शेख हसीना से रिश्ता) ब्रिटिश सरकार के काम में परेशानी पैदा कर रहे हैं।
हसीना को अगस्त 2024 में छात्र आंदोलन के बाद सत्ता से बेदखल कर दिया गया था, जिसके बाद वे भारत में शरण लेने के लिए मजबूर हुईं। इसके बाद यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 5 अगस्त को पूरे देश में राष्ट्रीय छुट्टी की घोषणा की है। यह वही दिन है जब बीते साल बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद और देश छोड़ना पड़ा था।
Sheikh Hasina: शेख हसीना का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियों गुटेरेस की बांग्लादेश यात्रा के दौरान ही यूनुस के सामने रोहिंग्या कॉरिडोर का विचार रखा गया। इसके बाद ही उन्होंने इस पर प्रस्ताव तैयार करना शुरू किया है।
ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर ने बांग्लादेश के अंतरिम मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से मुलाकात करने से इनकार किया, जो शेख हसीना के शासन द्वारा हड़पे गए अरबों डॉलर की वसूली के लिए समर्थन मांग रहे थे।
पिछले साल पांच अगस्त को छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर आंदोलन के बाद अपदस्थ की गईं हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में कई मामले दर्ज किए गए हैं। यूनुस 10 से 13 जून तक ब्रिटेन की यात्रा पर हैं।
बांग्लादेश सरकार ने राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी परिषद अधिनियम में संशोधन करते हुए स्वतंत्रता सेनानी की परिभाषा में परिवर्तन कर दिया है। कानून, न्याय और संसदीय मामलों के मंत्रालय ने मंगलवार रात को संबंधित अध्यादेश जारी किया।
भारत से लेकर बांग्लादेश तक की मीडिया में यही चर्चा थी कि वह कोलकाता उतरेंगी, लेकिन दिल्ली पहुंचकर उन्होंने साबित कर दिया कि पूरी प्लानिंग के साथ वह ढाका से निकली हैं। वह तब से अब तक भारत में ही रह रही हैं। अब उनकी बांग्लादेश से गाजियाबाद तक की यात्रा पर बांग्लादेश की मीडिया में छपा है।
बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने शेख हसीना को सत्ता से हटाने के लिए प्रदर्शन करने वाले खास लोगों के लिए टैक्स राहत का ऐलान किया है।
Bangladesh news: बांग्लादेश में कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी अगला चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। बांग्लादेशी सुप्रीम कोर्ट ने संगठन को राजनैतिक दर्जा देते हुए आगामी चुनाव में भाग लेने की अनुमति दे दी है। इस संगठन को पाकिस्तान समर्थक माना जाता है।