Pakistan Soars After Asim Munir Free Lunch with Trump may Cost Greater Than the Gain आसिम मुनीर के ट्रंप संग फ्री लंच से उड़ने लगा पाक, पड़ोसी देश को फायदा से ज्यादा नुकसान, International Hindi News - Hindustan
Hindi Newsविदेश न्यूज़Pakistan Soars After Asim Munir Free Lunch with Trump may Cost Greater Than the Gain

आसिम मुनीर के ट्रंप संग फ्री लंच से उड़ने लगा पाक, पड़ोसी देश को फायदा से ज्यादा नुकसान

बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप के साथ वाइट हाउस में लंच पार्टी के बाद पाकिस्तान हवा में है, ट्रंप ने पहली बार किसी देश के सेना प्रमुख की अकेले मेहमाननवाजी की। जानकार इसके पीछे ट्रंप की रणनीति और चाल मानते हैं।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तानThu, 19 June 2025 05:44 PM
share Share
Follow Us on
आसिम मुनीर के ट्रंप संग फ्री लंच से उड़ने लगा पाक, पड़ोसी देश को फायदा से ज्यादा नुकसान

वाइट हाउस में पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को डोनाल्ड ट्रंप ने जब लंच पर बुलाया, तो इस्लामाबाद की राजनीतिक और सैन्य गलियों में खुशी की लहर दौड़ गई। अमेरिका के राष्ट्रपति का ऐसा सत्कार पाकिस्तानी सेना के लिए 'इज्ज़त' का मामला बना और सरकारी मीडिया ने इसे एक कूटनीतिक जीत बताकर पेश किया। लेकिन क्या यह जीत वाकई इतनी बड़ी है? जानकार मानते हैं कि जहां पाकिस्तान को कुछ रणनीतिक बिंदुओं पर फायदा मिला है, वहीं इसके 'छिपे नुकसान' कहीं ज्यादा गहरे और खतरनाक हैं।

ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान को फिर से "आतंकवाद के खिलाफ सहयोगी" के रूप में देख रहा है, जिसके बदले में पाकिस्तान की ओर से टैरिफ फ्री ट्रेड, रेयर अर्थ मिनरल्स और क्रिप्टो सेक्टर में सहयोग जैसे ऑफर सामने आए हैं।

ट्रंप का मंच और नई शुरुआत का भ्रम

दूसरी बार अमेरिकी सत्ता पाने के बाद ट्रंप ने 4 मार्च को अपने पहले संयुक्त सत्र संबोधन में 2021 के काबुल एयरपोर्ट बम धमाके के आरोपी की गिरफ्तारी का श्रेय पाकिस्तान को देते हुए कहा था—“मैं पाकिस्तान सरकार का धन्यवाद करता हूं।” इसके कुछ ही हफ्तों बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख को वाइट हाउस बुलाना इस रिश्ते में एक "नया मोड़" माना जा रहा है।

जानकार मानते हैं कि अमेरिका का मकसद स्पष्ट है कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ फिर से उपयोगी हो सकता है। ट्रंप ने यह भी दावा किया कि आसिम मुनीर ने भारत-पाक युद्ध को टालने में निर्णायक भूमिका निभाई।

फौज मजबूत, लोकतंत्र कमजोर

असली कहानी इससे उलट है। अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, विश्लेषक रजा अहमद रूमी का कहना है, "यह मीटिंग पाकिस्तान की सेना के लिए वैधता का प्रतीक तो है, लेकिन यह नागरिक सरकार को पूरी तरह हाशिए पर डालती है।" मतलब साफ है—ट्रंप का ये न्योता पाकिस्तान के लोकतंत्र पर नहीं, बल्कि उसकी 'खाकी हुकूमत' पर भरोसे का संकेत है।

कभी भी पलट सकते हैं ट्रंप

पूर्व अमेरिकी अधिकारी मार्विन वाइनबॉम ने भी चेताया, "ट्रंप की विदेश नीति स्थायी नहीं है। वो आज साथ हैं, कल किनारा कर सकते हैं। पाकिस्तान को यह रिश्ता अस्थायी मानकर चलना चाहिए।" क्योंकि यह वही पाकिस्तान है जिसे ट्रंप ने 2018 में “झूठा और धोखेबाज” कहा था, और जो बाइडेन पाक को “दुनिया के सबसे खतरनाक देशों” में गिना चुके हैं।

ये भी पढ़ें:वाइट हाउस में पाक जनरल की मेहमाननवाजी, ट्रंप बोले-आसिम मुनीर की मदद से टला युद्ध
ये भी पढ़ें:पाक को क्यों पुचकार रहे ट्रंप, आसिम मुनीर को बुलाकर कहां इस्तेमाल करने की तैयारी

चीन-पाक रिश्तों पर असर?

पाकिस्तान अभी तक चीन का रणनीतिक साझेदार रहा है। ऐसे में अमेरिका से बढ़ती नजदीकियां बीजिंग की नाराजगी का कारण बन सकती हैं — जो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा दोनों पर असर डाल सकती हैं।

'फ्री लंच' की क्या कीमत

जानकारों का कहना है कि सवाल यह नहीं है कि असीम मुनीर को वाइट हाउस में लंच मिला या नहीं — सवाल यह है कि उस लंच की असल कीमत क्या है? क्या पाकिस्तान फिर से अमेरिका की आतंकवाद विरोधी युद्धों में मोहरा बन जाएगा? क्या इसका इस्तेमाल केवल ईरान या अफगानिस्तान में ट्रंप की रणनीति में किया जाएगा और क्या इससे पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति और भी ज्यादा 'मिलिट्री-केंद्रित' हो जाएगी?

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।